कृषि के क्षेत्र में स्वालंबन/आत्मनिर्भरता एवं गौ आधारित जैविक/प्राकृतिक कृषि की ओर प्रयास पर होंगे विविध प्रदर्शनी, जुटेंगे बड़ी संख्या मे कृषकगण

कुरुद – स्थानीय प्रोगेसिव फार्मर समूह छत्तीसगढ़” के तत्वाधान में गौ आधारित कृषि” एवं “जैविक/प्राकृतिक कृषि कार्यशाला सह प्रशिक्षण” कार्यक्रम का आयोजन कल 03 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 12:00 बजे से चिपरीडीह(गोकुलपुर) मे रखा गया है। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय*
*लाभांडी रायपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक शर्मा व डॉक्टर गजेंद्र चंद्राकर उपस्थित रहेंगे. इसके अतरिक्त यहाँ कृषि के क्षेत्र में स्वालंबन/आत्मनिर्भरता एवं गौ आधारित जैविक/प्राकृतिक कृषि की ओर प्रयास कैसे करें?, मानव,पशु एवं पर्यावरण के लिए सुरक्षित एवं हितकारी प्राकृतिक कृषि कैसे करें? कृषि लागत को कम करते हुए शुद्ध अनाज कैसे प्राप्त करें?/कीट प्रबंधन एवं कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान कैसे करें? कृषि में नवीन तकनीक एवम नवाचार को अपनाकर अधिक से अधिक लाभ कैसे प्राप्त करें?जैविक तरीके से उत्पादित अनाज के लिए बाजार की उपलब्धता व व्यवस्था कैसे सुनिश्चित करें?, कृषि के क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ कैसे प्राप्त करें? आदि विषयो पर भी जानकारी प्रदान करेंगे . इसके अत्तिक इस आयोजन अंतर्गत विशेष आकर्षण के रूप मे

🌾 *१/ जिला बालोद, दुर्ग, धमतरी एवं गरियाबंद के उन्नत जैविक कृषक के अनुभव का लाभ प्राप्त होगा।*
🌾 *२/ कृषि उत्पाद जैसे:- चावल की विविध प्रजाति ब्लैक राइस, ग्रीन राइस, रेड राइस, ब्लैक गेहूं, मिलेट्स जैसे:- ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी(मडिया), कोदो, कुटकी अलसी, इत्यादि की प्रदर्शनी।*
🌾 *३/भाटा की विशेष प्रजाति “निरंजन भाटा (महामहिम राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त कृषक श्री लीलाराम साहू द्वारा) का पौधा (थरहा) का वितरण।*
🌾 *४/श्री थनेंद्र साहू जैविक कृषक ग्राम हथबंद के द्वारा जैविक कीटनाशक का वितरण एवं निर्माण विधि हेतु मार्गदर्शन।*
🌾 *५/सुश्री रानी निषाद ,नवापारा के द्वारा गोबर, मिट्टी एवम अनाज के दानो से निर्मित आर्ट एंड क्राफ्ट समाग्री, हर्बल गुलाल की प्रदर्शनी।* होंगी. वही
*आप सभी भली- भांति परिचित हैं कि कृषि के क्षेत्र में दिनों- दिन रासायनिक I’ve एवं कीटनाशकों के अत्याधिक प्रयोग से सम्पूर्ण मानव के स्वास्थ्य एवं इससे अधिक पर्यावरण पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हम इस दिशा में चिंतन एवं चिंता तो अवश्य करते हैं, परंतु Asking की दिशा में समय पर उचित मार्गदर्शन के अभाव में ठोस प्रयत्न नहीं कर पाते है। कृषि में लागत भी अत्यंत बढ़ चुका है। इसके समाधान के रूप में “जैविक कृषि एवम गौ आधारित कृषि” एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकता है।*
*अतः आयोजक समूह द्वारा आम जनमानस में जैविक कृषि के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने एवम जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रेरणा स्वरूप यह अभिनव प्रयास/पहल किया जा रहा है। जिसमें आप सभी की गरिमामय उपस्थिति अनिवार्य रूप से प्रार्थनीय एवं अपेक्षित की है।