अंचल क़े सुप्रसिद्ध हास्य कविकार मकसूदन राम साहू की कहानी संग्रह कहिनी राजिम  तीर क़े का हुआ समीक्षा

प॔डित सुन्दर लाल शर्मा राज्य अलंकरण से सम्मानित डॉ.परदेशी राम वर्मा ने किया हैं समीक्षा

नवापारा राजिम :- होली क़े अवसर पर अंचल क़े सुप्रसिद्ध हास्य कवि व साहित्यकार मकसूदन राम साहू द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी कहानी राजिम तीर क़े कहिनी संग्रह का समीक्षा प्रदेश क़े प्रसिद्ध साहित्यकार व छत्तीसगढ़ राज्य क़े सर्वोच्च साहित्य सम्मान प॔डित सुन्दर लाल शर्मा राज्य अलंकरण से सम्मानित डॉ.परदेशी राम वर्मा ने किया और उसे जनमानस क़े लिए प्रस्तुत किया. उन्होंने इसमें शामिल सभी कहानियों की तारीफ करते हुए इसे सीख से ओतप्रोत बताया.

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डॉ. परदेशी राम वर्मा – समीक्षक

समीक्षक श्रीवर्मा ने बताया कि यह कहानी संग्रह छत्तीसगढ़ी कहानी की है। राजिम तीर के कहिनी इस कथासंग्रह में कुल ग्यारह कहानियां हैं। इस किताब में छोटी छोटी कहानियां हैं।एक घंटे में पाठक किताब पढ़ सकता है। हर कहानी में एक बड़ा सन्देश है। मकसूदन बरीवाला सेवामुक्त शिक्षक हैं ‌ उनकी हर कहानी में प्रेरक संदेश है।संग्रह की कहानियों में अंधविश्वास, ढोंग,शोषण,नशा, अशिक्षा,का विरोध है। कहानियां लोककथा और आधुनिक कहानी कला के बीच पुल की तरह लगती है।

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मकसूदन राम साहू (बरीवाला)- हास्य कवि


बरीवाला के पास आधुनिक दृष्टि,लेखन कला भाषा और लोकजीवन की गहरी समझ है। ज्ञात हो कि बरी पर कविता लिखकर मकसूदन ऐसे विख्यात हुए कि उनका नाम ही बरीवाला हो गया।। इस संग्रह की एक कहानी में भी बरी की सब्जी का सरस चित्रण है. उक्त पुस्तक की समीक्षा क़े लिए श्रीवर्मा ने छत्तीसगढ़ के अमर सपूत संत पवन दीवान से आत्मिक जुड़ाव के कारण राजिम से अपनी निकटता और रिश्तेदारी को बताया ।

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